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शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2012

कुछ ऐसे ही...बस तेरे लिए


तुम्हारे लिए कुछ दिल की बातें, कुछ सौगातें लिख लायी हूँ ...चाहो तो कागज़ के मामूली टुकड़ा समझ लेना या फिर इस अफसाने को दिल की किताब में बंद कर लेना.......
१-"ज़िंदगी से अब कुछ नहीं ...बस साथ रहने की मोहलत चाहती हूँ ,
हीरे - मोती सब लुटा दूं तुमपे ...बस तेरे प्यार की दौलत चाहती हूँ
तेरे ना होने का एहसास ही ...दिल में सिहरन के लिए काफी है ,
साथ तेरे गुज़रे हर लम्हा मेरा .... ज़िन्दगी से ये ही दुआ मांगती हूँ ।"
२-"दिल में कुछ उदासी थी, तेरे लिए एक हंसी हँस दिए ,
चाहते थे कहीं और जाना ..पर कदम तेरी ओर चल दिए ,दिल में कोई बात थी,कहना था ,पर लब क्यूँ सिल गए ,ज़िन्दगी से क्यूँ जुदा हैं , ये ज़िन्दगी के फलसफे ....."


३-"जब भी अक्स तेरा ,किसी चेहरे में देखती हूँ ...
तू रहता है कहाँ , उससे तेरा पता पूछती हूँ ...
ना जाने दिल इतनी बेकरारियां सहता क्यूँ है ..
जब कि वो जनता है तू मुझमे और मैं तुझमे हूँ ..........
"

४-"ना देखो ज़माने के रंग -ओ -ढंग
ना सीखो दीवाने से दिल की बातें ....
अब कहाँ दिखते हैं उल्फतों में रंग
अब कहाँ मिलती हैं प्यार की सौगातें "



५-"तुम कुछ ना कहते थे तो भी हम सुन लेते थे
अब जज्बातों में वो करामात नहीं, तुम्हारे बिना ...
हमें तन्हाई का भी ग़म नहीं, तुम ख्यालों में साथ थे
अब तो भीड़ में भी हैं अकेले....तुम्हारे बिना "



-"ज़िन्दगी में तेरे बिना एक कमी सी थी
अब
तू है तो...एक रौनक है , जश्न है ...
सजी
दिल की महफ़िल है .....
बे
-मंजिल ही तय कर लेते,
हम ज़िन्दगी का सफ़र....
अब
तू ही रास्ता, तू ही सफ़र ...
तू ही मेरी मंजिल है ...............
:)

6 टिप्‍पणियां:

  1. wow beautifully written,but i got stuck up at the 5th stanza...ab jazbaato me wo karamaat nahi tere bina !

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  2. "जब भी अक्स तेरा ,किसी चेहरे में देखती हूँ ...
    तू रहता है कहाँ , उससे तेरा पता पूछती हूँ ...
    ना जाने दिल इतनी बेकरारियां सहता क्यूँ है ..
    जब कि वो जनता है तू मुझमे और मैं तुझमे हूँ .........."
    .......

    दिल की बातें दिल ही दिल में ठहर ठहर के कही गयी लगती है
    जज्बातों का समंदर एक साथ ही उठा के धर दी गयी लगती है.

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    उत्तर
    1. Bahut shukriya Sir,
      Aapne bilkul mere man ki baat keh di hai. jo aapne quote kiya hai..wo char layine mujhe bahut pasand hai..:)

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  3. // १-"ज़िंदगी से अब कुछ नहीं ...बस साथ रहने की मोहलत चाहती हूँ ,
    हीरे - मोती सब लुटा दूं तुमपे ...बस तेरे प्यार की दौलत चाहती हूँ । //


    wah wah.... kya baat hai renu ji!

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