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शुक्रवार, 30 अगस्त 2013

खुल के मुस्कुरा ज़रा :)





                      

खुल के मुस्कुरा ज़रा, ख्वाब तू नए से बुन..
धड़कने जो गा रही,सुन ले उनकी मीठी धुन
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आँखों की खामोशियों में इक हया,इक शर्म है
 तितलियों के पंख से ,उसमे ख्वाब कितने नर्म हैं,
कोई चुरा ना ले उसे,दिल की ये गुज़ारिश सुन
खुल के मुस्कुरा ज़रा, ख्वाब तू नए से बुन|

ख्वाहिशों को, चाहतों को, मिल गयी उड़ान है.
'कल' तो थी कल की बातें,ये 'आज' तेरी पहचान है.
ज़िन्दगी को जी अभी तू,उसका नया संगीत सुन,
खुल के मुस्कुरा ज़रा, ख्वाब तू नए से बुन|

खुल के मुस्कुरा ज़रा,ख्वाब तू नए से बुन|
धड़कने जो गा रही, सुन ले उसकी मीठी धुन|"

गुरुवार, 22 अगस्त 2013

इक अर्ज़ी है तुमसे …

 
 मेरा दिल काँच सा टूट गया है
एक टुकड़ा आके चुभ-सा गया है
जो खुद को खोया, उसको पाया
अब वो ही मुझसे गुम सा गया है.

काश वो समझे, काश वो जाने
दिल का टूटना होता क्या है
सौ टुकड़े हो के भी, उसको पुकारे
वो कौन सा मंतर फूँक गया है .

इश्क़-समंदर बाद की बातें
चाहत की दरिया में उतरो तो जाने
वो कश्ती अब क्या दरिया में उतरे
जिसका माझी ही रूठ गया है.

जो तुम रूठे हो तो मना भी लें
ना मानो तो तुम्हें सता भी लें
पर कैसे समझाएं तुमको,
तुम्हारे दिल का इक टुकड़ा …
हमारे अनकहे जज्बातों का ,
मिलते जुलते खयालातों का ,
तुम्हारे उन रौशन सवालातों का ,
मेरी दिल्लगी भरी जवाबी रातों का…
मुझमें ही कहीं छूट गया है .

हो सके तो आके ले जाना…
तुम्हारा जो मुझमे छूट गया है
और कर जाना मुझे बिलकुल खाली, 
छोड़ जाना मुझे बिलकुल तन्हा ….
सोच लूंगी…कोई अपना ही, मुझे लूट गया है :(


by :-
रेनू मिश्रा