तुम्हारे लिए कुछ दिल की बातें, कुछ सौगातें लिख लायी हूँ ...चाहो तो कागज़ के मामूली टुकड़ा समझ लेना या फिर इस अफसाने को दिल की किताब में बंद कर लेना.......
१-"ज़िंदगी से अब कुछ नहीं ...बस साथ रहने की मोहलत चाहती हूँ ,
हीरे - मोती सब लुटा दूं तुमपे ...बस तेरे प्यार की दौलत चाहती हूँ ।
तेरे ना होने का एहसास ही ...दिल में सिहरन के लिए काफी है ,
साथ तेरे गुज़रे हर लम्हा मेरा .... ज़िन्दगी से ये ही दुआ मांगती हूँ ।"
२-"दिल में कुछ उदासी थी, तेरे लिए एक हंसी हँस दिए ,
चाहते थे कहीं और जाना ..पर कदम तेरी ओर चल दिए ,दिल में कोई बात थी,कहना था ,पर लब क्यूँ सिल गए ,ज़िन्दगी से क्यूँ जुदा हैं , ये ज़िन्दगी के फलसफे ....."
३-"जब भी अक्स तेरा ,किसी चेहरे में देखती हूँ ...
तू रहता है कहाँ , उससे तेरा पता पूछती हूँ ...
ना जाने दिल इतनी बेकरारियां सहता क्यूँ है ..
जब कि वो जनता है तू मुझमे और मैं तुझमे हूँ .........."
४-"ना देखो ज़माने के रंग -ओ -ढंग
ना सीखो दीवाने से दिल की बातें ....
अब कहाँ दिखते हैं उल्फतों में रंग
अब कहाँ मिलती हैं प्यार की सौगातें "
५-"तुम कुछ ना कहते थे तो भी हम सुन लेते थे
अब जज्बातों में वो करामात नहीं, तुम्हारे बिना ...
हमें तन्हाई का भी ग़म नहीं, तुम ख्यालों में साथ थे
अब तो भीड़ में भी हैं अकेले....तुम्हारे बिना "
६-"ज़िन्दगी में तेरे बिना एक कमी सी थी
अब तू है तो...एक रौनक है , जश्न है ...
सजी दिल की महफ़िल है .....
बे-मंजिल ही तय कर लेते,
हम ज़िन्दगी का सफ़र....
अब तू ही रास्ता, तू ही सफ़र ...
तू ही मेरी मंजिल है ...............:)