मेरे पिया......
तुम्हें क्या याद रह जायेगा, मेरे जाने के बाद......
वो चेहरे कि रंगत, या उससे छलकती हंसी॥
वो होंठों का फड़कना, या उसकी चहकती ख़ुशी॥
तुम्हें क्या याद रह जायेगा, मेरे जाने के बाद......
इक झलक पाने कि ललक में, नज़रों की शोखी॥
या उन कदमों की छनक, जो तुम तक आ के रुकी॥
तुम्हें क्या याद रह जायेगा, मेरे जाने के बाद......
मेरा कहना या मेरा सुनना, या मेरी कैफियत॥
मेरे हँसते हुए गालों के भंवर, या मेरी मासूमियत॥
दुनिया को क्या याद रह जायेगा, मेरे जाने के बाद.....
मेरा नाम, मेरी पहचान, या मेरी शख्सियत॥
मेरा हौसला, मेरी बुलंदी, या मेरी हैसियत॥
तुम्हें क्या याद रह जायेगा, मेरे जाने के बाद.....
और कुछ नहीं, बस तुमसे इतनी सी गुज़ारिश है॥
जो मेरा न रहा, उस दिल की इतनी सी ख्वाहिश है॥
मेरे जाने के बाद भी, मुझे दिल में बसाए रखना...
मेरी यादों से भरे इस ख़त को, सीने से लगाये रखना॥
बस इतना याद रखना, मेरे जाने के बाद......
तुम्हें क्या याद रह जायेगा, मेरे जाने के बाद......
वो चेहरे कि रंगत, या उससे छलकती हंसी॥
वो होंठों का फड़कना, या उसकी चहकती ख़ुशी॥
तुम्हें क्या याद रह जायेगा, मेरे जाने के बाद......
इक झलक पाने कि ललक में, नज़रों की शोखी॥
या उन कदमों की छनक, जो तुम तक आ के रुकी॥
तुम्हें क्या याद रह जायेगा, मेरे जाने के बाद......
मेरा कहना या मेरा सुनना, या मेरी कैफियत॥
मेरे हँसते हुए गालों के भंवर, या मेरी मासूमियत॥
दुनिया को क्या याद रह जायेगा, मेरे जाने के बाद.....
मेरा नाम, मेरी पहचान, या मेरी शख्सियत॥
मेरा हौसला, मेरी बुलंदी, या मेरी हैसियत॥
तुम्हें क्या याद रह जायेगा, मेरे जाने के बाद.....
और कुछ नहीं, बस तुमसे इतनी सी गुज़ारिश है॥
जो मेरा न रहा, उस दिल की इतनी सी ख्वाहिश है॥
मेरे जाने के बाद भी, मुझे दिल में बसाए रखना...
मेरी यादों से भरे इस ख़त को, सीने से लगाये रखना॥
बस इतना याद रखना, मेरे जाने के बाद......